अरे ओ मेरी प्यारी तितली
अरे ओ मेरी प्यारी तितली
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मैं
आसमान की
छत पर
बैठी हुई
तुम एक बाग के
फूल पर बैठी थी
उसे छोड़कर
मेरे पीछे पीछे
यहां तक कैसे
आ गई
बादल की पीठ पर
बैठकर या
मेरे कंधे की
ऊंचान पर
यहां भी तुमने
मुझे एक पल को भी
तन्हा नहीं
छोड़ा
अरे ओ मेरी
प्यारी
छोटी सी रंगीन ख्वाबों सी
तितली
मेरे फूल से दिल को तो
तुम्हारी यह अदा
एक पराग से भरे
सागर की गहराई सी
भा गई।