Dr.Shree Prakash Yadav
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अंतर्मन में
संघर्ष चलता रहता है।
वर्जनाओं के विरूद्ध
निर्णायक कैसे हो युद्ध?
क्योंकि
जात-पात,एवं
संस्कृति के नाम पर
हम बहुत हैं क्रुद्ध।
21 मार्च कवित...
अलविदा2022
चाहिए
जीवन
कविता
जीवनगत अनुभूत...
प्रियतमा
पापा
मैं फकीर हूँ
जीवन का महत्व