ऐ लोगों होली आई है
ऐ लोगों होली आई है
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ऐ लोगों होली आई है,
मुस्कानो के गीत लिखो।
गले लगाओ सबको,सबके ,
अरमानों के गीत लिखो ।।
मौसम ने अंगडाई ली है ,
मादकता मन में डोले ।
उफन रहे यौवन घट देखो,
कलियों के घूंघट खोले।।
जाम द्रगों के छलक रहे हैं,
पैमानों के गीत लिखो।
ऐ लोगो,........
राधाएं रंग में रंग जाएं ,
कान्हा मारे पिचकारी।
चोली भींगे लहगा भींगे,
मन चूनर भींगे सारी।।
निश्चल निर्मल प्यार में डूबे,
परवानों के गीत लिखो।
ऐ लोगो...,.,
भेदभाव मजहब मिल्लत के,
दफना कर सब एक बनो ।
एक पिता के पुत्र सभी हो ,
सम दृष्टा बन नेक बनो ।
मिलकर खेलें होली ऐसे,
दीवानो के गीत लिखो।।
ऐ लोगों.....,
अंत बुराईयों का करके,
काम भले करते जाओ।
मन का कलुष जलाकर अपने,
भाई जग में कहलाओ ।।
जाम मुहब्बत के छलकाओ,
मयखानों के गीत लिखो।।
ऐ लोगों.....
रोटी हक हलाल की खाओ,
हक के पैरोकार बनो।
नाहक से मत डरो कभी भी,
सच बोलो ललकार बनो।।
मानवता का पथ अपनाओ,
इंसानों के गीत लिखो ।।
ऐ लोगों.....
जो धनवाले हैं वो धन से,
निर्धन का दुख दूर करें ।
भेदभाव की दीवारों को ,
बढ़ के चकनाचूर करें ।।
"अनंत" ऐसे भामाशाहों ,
धनवानों के गीत लिखो।।
ऐ लोगों.....