आया वसंत
आया वसंत
आया वसंत, आया वसंत
आया आया ये आया,
वसंत सुहाना आया।
मौसम ये जाड़े का जाने लगा है
सूरज सुनहरा ये दमकने लगा है
खेतों में सरसों ये,
पीले लहराने लगे है
बालियां गेहूँ की पकने लगे है
नवपल्लव ये पेड़ो पे छाने लगे है
नगाड़े ये हवाओं के बजने लगे हैं
उपवन भी फिर से महकने लगे हैं
गुनगुन ये भँवरे भी गुनगुगाने लगे है
ठुमक ठुमक मयूरा नाचने लगे है
कुह-कुहू कोयलिया कुहुकने लगी है
नदिया भी बलखाए,
तीतलियाँ भी बौराए
कलियाँ भी इठलाए
पंछी भी है गाए
बन के दुल्हन ,
बन के दुल्हन मिलने गगन संग
धरा भी शरमाये है
आया वसंत, आया वसंत,
आया आया ये आया
वसंत सुहाना आया
हाथों में कंगना है बालों में
गजरा है
माथे पे बिंदिया है
राहों में तेरे ये अखियाँ है,
ओठो में समाया तेरा ही
अफसाना है
ओ रे पिया ..आजा रे पिया
दिल में जो अरमां है
तुझपे ही मचलना है
पलकों में बसाया ,
ये तेरा ही सपना है
रह न जाए अधूरा
मन मेरा,
प्रेम पावस में है भीगा।
ओ रे पिया ...आ जा रे पिया
आजा रे अब तो,
आया वसंत आया।
