Vijaykant Verma
Children Stories
होली का त्योहार है मित्रों
आओ होली मनाएं हम,
जात पात और भेदभाव की
होलिका आज जलाएं हम,
रंग लगाएं गुलाल लगाएं
गुझिया मठली खाए हम,
आपस की दुश्मनी भुलाकर
सबको गले लगाएं हम।
विनाश का बटन ...
नदी तुम्हारी...
सच्ची मुस्कान
मानवता, तू मर...
बचपन लौटा दो
लौट आओ मेरे य...
खुशी
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सूखा पत्ता