Shishpal Chiniya
Others
रोना चाहता हूँ, पर कोई देख ही नहीं रहा है।-बचपन
रोना चाहता हूँ, पर कोई देख न ले।- जिंदगी
अकसर सोचते हैं कि हमारे साथ ही क्यों होता है।
लेकिन ये सब के साथ होता है।
दर्द सभी को लेकिन कोई बता नहीं पाता है।
मेरे हमसफर
रस्सी
दर्द
शुन्य
ये लम्हे
ईश्क़
बारिश
बस यूं ही
जान
हद है