Rekha Shukla
Others
लो डाल दी है आदत हमने अपनों की
पास आ के भूला दी चाहत हमने अपनों की
बोलेगी ना जबान राहत आज अपनों की
साये भी ना मिलने पाये शायद अपनों की
ज़ख़मी सांसे ...
माँ
रूठे
शब्द
एक लम्हां सो ...
पायल
ख़ुदा
रंग कलम से बे...
सैयो
ओ' परवर दिगार...