आधा अधूरा विज्ञान
आधा अधूरा विज्ञान
विज्ञान इंद्रिय जनित अनुभव पर आधारित है
मन के अंदर क्या चल रहा ? उस से अंजान है
मोबाइल टॉवर देख सकता है, रेडियो बना सकता है
पर मन की सूक्ष्म तरंगों को पकड़ नहीं सकता,
ईश्वर उसके लिए अभेद है
आंतरिक भावनाओं को भी पकड़ नही सकता
आंतरिक intution कोई मायने नही रखती इसके लिए
विज्ञान उस अशिक्षित नौकर की तरह है जिसे विवेक नहीं सिखाया गया
(अशिक्षित नेता अफसर उसे प्रयोग करने के योग्य नही हैं)
ज्यादा अपेक्षा मत कीजिये
मन की शक्ति का विकास करिये।