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Jai Prakash Pandey

Others

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Jai Prakash Pandey

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आ बैल मुझे मार

आ बैल मुझे मार

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तुम्हारा इस तरह से 

पलकों पे आके बैठ जाना 

फिर पलकों पे बैठकर 

दिन रात आँसू बहाना ,

तुम्हारा यूं उठना बैठना, 

मुझे भले अच्छा लगता है 


पर सच है ये बात भी है 

कि तुम्हारा पति ही अच्छा है 

उसने तुम्हें नाम सुरक्षा दी है 

जिंदगी जीने की तरकीब दी है


मेरी तो क्या है मैंने हरदम 

मन ही मन में यही बात की

है की

आ बैल मुझे अब मार 



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