कुछ दोहे...। कुछ दोहे...।
कदम बढ़ें तो कुछ नहीं, हाथ बढ़ाना सोच बाहर लागे चोट जो, भीतर आवे मोच...! कदम बढ़ें तो कुछ नहीं, हाथ बढ़ाना सोच बाहर लागे चोट जो, भीतर आवे मोच...!
कान्हाँ तेरी बाँसुरी रह रह कैं अचकाय। विपिन बजै श्रवनन परै रग रग मद लहराय।। कान्हाँ तेरी बाँसुरी रह रह कैं अचकाय। विपिन बजै श्रवनन परै रग रग मद लहराय।।
सम्मुख हों तौ तिय रार करौ भूकम्प सो कम्पन आंगन में। पूरनमासी बस द्वै चार बरस अब ज्वालामुखी हा खन खन... सम्मुख हों तौ तिय रार करौ भूकम्प सो कम्पन आंगन में। पूरनमासी बस द्वै चार बरस अब...
जीवन जो हमको मिला, ईश्वर की सौगात ! आया सावन मास है, लिए मधुर हर बात !! जीवन जो हमको मिला, ईश्वर की सौगात ! आया सावन मास है, लिए मधुर हर बात !!
तन सूखा मन बेरुखा गये पिया परदेस। तुम्हें बुलाऐ आंगना अब तो अस्थि ही शेष... तन सूखा मन बेरुखा गये पिया परदेस। तुम्हें बुलाऐ आंगना अब तो अस्थि ही शेष...