दिखाते है ख़ुद को, भगवान लेकिन, सब अपने भीतर, शैतान दबाये बैठे हैं । दिखाते है ख़ुद को, भगवान लेकिन, सब अपने भीतर, शैतान दबाये बैठे हैं ।
इंसान होने के, ख़याल में मग़रूर हूँ...! इंसान होने के, ख़याल में मग़रूर हूँ...!
क्योंकि इंसानियत तो जल गई हैवानियत की आग में...! क्योंकि इंसानियत तो जल गई हैवानियत की आग में...!
शैतान बुराइयों का राजा, भगवान अच्छाइयों का अधिष्ठाता होता है. शैतान बुराइयों का राजा, भगवान अच्छाइयों का अधिष्ठाता होता है.