5.56 mm. INSAS
5.56 mm. INSAS
देखा एक सपना था,
बचपन में जो न अपना था।
की उम्मीद न हक़ीक़त की,
भारतीय सेना से जुड़ने की।
बंदूकों से था इतना लगाव,
बस उसी का था ये प्रभाव।
क़िस्मत ख़ुद से लेता गया,
सपनों को मेरे पिरोता गया।
मिला मौक़ा बंदूक उठाने का,
जज़्बातों को फिर से दोहराने का।
था तब खिलौना अब हक़ीक़त,
जब हुआ 5.56 mm से शिरकत।
ख़ुशी ऐसी जो न पहले थी,
हर राउंड में नज़र न पैनी थी।
लक्ष्य मीटर 25 की दूरी थी,
हर गोली न लक्ष्य को छू रही थी।
फिर आयी इम्तिहान की घड़ी,
रायफल की सफाई में थी मुश्किल बड़ी।
बैरल, कॉक, ट्रिप, फोर गार्ड की दुहाई,
इससे भी मुश्किल गैस ट्यूब की सफाई।
