मूलतः कविता लिखता हूँ। कभी कभी व्यंग्य, लेख व लघुकथा लिखता हूँ। हिन्दी में कविताओं का अनुवाद। https://www.rajeevupadhyay.in/
और उसको ये यकीन अब है हो चला कि आदमी नहीं वो वो तो आदमी का मददगार है। और उसको ये यकीन अब है हो चला कि आदमी नहीं वो वो तो आदमी का मददगार है।
हर बार तुमको पारितोषिक मिला हर बार तुमको पारितोषिक मिला
मैं भी आऊँगा राह तेरेआज नहीं तो कल सही। मैं भी आऊँगा राह तेरेआज नहीं तो कल सही।
अजब कशमकश है दोनों जानिब मेरे अजब कशमकश है दोनों जानिब मेरे
सिरा कोई थाम लूँ जो लेकर मुझे उस ओर चले जाकर जिधर संशय सारे मिट जाते हैं ! सिरा कोई थाम लूँ जो लेकर मुझे उस ओर चले जाकर जिधर संशय सारे मिट जाते हैं !
इस तरह चेहरे के आपके सरमाएदार हैं ये। इस तरह चेहरे के आपके सरमाएदार हैं ये।
बस बातें नहीं होतीं वजह होती हैं हमारे होने की। बस बातें नहीं होतीं वजह होती हैं हमारे होने की।
तुमने अपनी चाहत की खुश्बू मुझ में डाल दी तुमने अपनी चाहत की खुश्बू मुझ में डाल दी
डाकिए ने थाप दी हौले से आज दरवाजे पर मेरे कि तुम्हारा ख़त मिला. डाकिए ने थाप दी हौले से आज दरवाजे पर मेरे कि तुम्हारा ख़त मिला.