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अब थक चुकी हूँ विकसित जीव के कचरे ढोते-ढोते अब थक चुकी हूँ विकसित जीव के कचरे ढोते-ढोते
भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की लहरें भीड़ भरी या सुनसान मिलेंगे जंगल कस्बा या शहर दिल में उफान लेंगे समुद्र की ...
भेजा न जा सका आज तक वो दिल का प्यार, मन की प्यास। भेजा न जा सका आज तक वो दिल का प्यार, मन की प्यास।
हाथ तरसते रह गए मेरे पंख का एक स्पर्श पाने को नयन तरसते रह जाते तेरे दर्शन को हाथ तरसते रह गए मेरे पंख का एक स्पर्श पाने को नयन तरसते रह जाते तेरे द...
बन कर कदम बढ़ाता, वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता...! बन कर कदम बढ़ाता, वृक्ष साथी हमारा साथ दे जाता...!