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जो जज्बात गुजर गये दिल पर दस्तक दिये बगैर उन्हें फिर से दिल के आँगन में बुलाना सीख रही जो जज्बात गुजर गये दिल पर दस्तक दिये बगैर उन्हें फिर से दिल के आँगन में बुलान...
चमकती ओस की बूँदों को मेरी आँखों की कोर से टपका खारा शबनम मानकर। चमकती ओस की बूँदों को मेरी आँखों की कोर से टपका खारा शबनम मानकर।
पलाश गुलमोहर सेमल भी अब जोह रहे बाट। आओ ना। पलाश गुलमोहर सेमल भी अब जोह रहे बाट। आओ ना।
हाँ मैं भी जरूर करूँगी एक यात्रा कभी... तिनका तिनका जोड़ रही हूँ हौसला। हाँ मैं भी जरूर करूँगी एक यात्रा कभी... तिनका तिनका जोड़ रही हूँ हौसला।
लोग लिख रहे हैं भूख पर और असमय काल के मुँह में समाती ज़िन्दगियों पर. लोग लिख रहे हैं भूख पर और असमय काल के मुँह में समाती ज़िन्दगियों पर.