None
किस से कहें हाल-ए-दिल सब खुदगर्जी में नहाए बैठे हैं। किस से कहें हाल-ए-दिल सब खुदगर्जी में नहाए बैठे हैं।
सरेआम हमसे मिलने यूं आने की मनाही है। सरेआम हमसे मिलने यूं आने की मनाही है।
ऐसी भी क्या मजबूरी है कुछ तो बोलो मीत । ऐसी भी क्या मजबूरी है कुछ तो बोलो मीत ।
कब सुधरेगा तू ए मानव दूजे की फिक्र करेगा तू कब सुधरेगा तू ए मानव दूजे की फिक्र करेगा तू
तुम ही जाते जीत, कुछ तो बोलो मीत। तुम ही जाते जीत, कुछ तो बोलो मीत।
कुछ मेराा कुछ उसका बिखर जाता है जब बोल की जगह चुप्पी हो। कुछ मेराा कुछ उसका बिखर जाता है जब बोल की जगह चुप्पी हो।
देखो तरु पर कोयल आई, मीठी इसकी बोली l देखो तरु पर कोयल आई, मीठी इसकी बोली l