मेरी कलम मेरी पहचान है
जो है भूमिका, वही तेरी मेरे जीवन में है ! जो है भूमिका, वही तेरी मेरे जीवन में है !
तन-मन भर जाएंगे सब उभरेंगे दर्द के जज्बात। तन-मन भर जाएंगे सब उभरेंगे दर्द के जज्बात।
अंदाज़ अलग, भागमभाग, चैन औ सुकूं की अंदाज़ अलग, भागमभाग, चैन औ सुकूं की
क्यों मुकर जाता है हर जिम्मेदार वचन से। क्यों मुकर जाता है हर जिम्मेदार वचन से।
भूले संस्कार, स्वार्थ की बयार में। भीगे नयना, बसंत बहार में भूले संस्कार, स्वार्थ की बयार में। भीगे नयना, बसंत बहार में
जैसे बसंत की हो बहार हर तरफ हो बस प्यार। जैसे बसंत की हो बहार हर तरफ हो बस प्यार।
ये धरती, ये दुनिया, ये हवा, ये पेड, हमारी साॅंसें कौन नियंत्रित करता है...? कौन है इसका नियंता...? ये धरती, ये दुनिया, ये हवा, ये पेड, हमारी साॅंसें कौन नियंत्रित करता है...? कौन ...