I'm अमीर and I love to read StoryMirror contents.
.किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र क्या है 'अमीर' ख़ुदा के घर भी न जाएंगे बिन बुलाये हुए। .किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र क्या है 'अमीर' ख़ुदा के घर भी न जाएंगे बिन बुलाये...
जो लाश भेजी थी क़ासिद की भेजते ख़त भी रसीद वो तो मिरे ख़त की थी जवाब न था। जो लाश भेजी थी क़ासिद की भेजते ख़त भी रसीद वो तो मिरे ख़त की थी जवाब न था।
इक फूल है गुलाब का आज उन के हाथ में धड़का मुझे ये है कि किसी का जिगर न हो। इक फूल है गुलाब का आज उन के हाथ में धड़का मुझे ये है कि किसी का जिगर न हो।
ख़याल-ए-ज़ुल्फ़ में छाई ये तीरगी शब-ए-हिज्र कि ख़ाल-ए-चेहरा-ए-ज़ख़्मी चराग़-ए-ख़ाना हुआ। ख़याल-ए-ज़ुल्फ़ में छाई ये तीरगी शब-ए-हिज्र कि ख़ाल-ए-चेहरा-ए-ज़ख़्मी चराग़-ए-ख...
जुनूं का हाथ है आज और दामन पारसाई का। जुनूं का हाथ है आज और दामन पारसाई का।
बे-हीला इस मसीह तलक था गुज़र महाल, क़ासिद समझ कि राह में बीमार हो गया. बे-हीला इस मसीह तलक था गुज़र महाल, क़ासिद समझ कि राह में बीमार हो गया.
जहाँ तूने क़दम रक्खा वहाँ हमने भी सर रक्खा। जहाँ तूने क़दम रक्खा वहाँ हमने भी सर रक्खा।
होने न पाए ग़ैर बग़लगीर यार से अल्लाह यूँ ही रोज़ गुज़र जाए ईद का होने न पाए ग़ैर बग़लगीर यार से अल्लाह यूँ ही रोज़ गुज़र जाए ईद का
मुँह चूमते हैं फूल उरूस-ए-बहार का। मुँह चूमते हैं फूल उरूस-ए-बहार का।
देख ले बुलबुल-ओ-परवाना की बेताबी को हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है देख ले बुलबुल-ओ-परवाना की बेताबी को हिज्र अच्छा न हसीनों का विसाल अच्छा है