I'm Satish and I love to read StoryMirror contents.
बस कुछ वक्त की बात है ये अपने दिल को बतलाता हूँ। बस कुछ वक्त की बात है ये अपने दिल को बतलाता हूँ।
कली को फूल होना अभी बाकी है, कोई तोड़ने की गुस्ताखी मत करना। कली को फूल होना अभी बाकी है, कोई तोड़ने की गुस्ताखी मत करना।
कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी। कलम की स्याही जब कागज पर उतरती है वो दिल के रास्ते से होकर ही गुजराती होगी।
बहुत याद आती है मेरे गाँव की वो सुबह जहाँ पशु पक्षियों का कोलाहल। बहुत याद आती है मेरे गाँव की वो सुबह जहाँ पशु पक्षियों का कोलाहल।
वैसे तो तू हर मंदिर मस्जिद में सुख मांगने जाती वैसे तो तू हर मंदिर मस्जिद में सुख मांगने जाती
है लगता जैसे एक सपना ना मैं था गांव का ना था गाँव अपना। है लगता जैसे एक सपना ना मैं था गांव का ना था गाँव अपना।
आखिर कलम की भी अपनी कुछ सीमाएं है। आखिर कलम की भी अपनी कुछ सीमाएं है।