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आई जब अपने दिल की बारी तो अपने मन को में झुठलाती हूँ आई जब अपने दिल की बारी तो अपने मन को में झुठलाती हूँ
इक सामान सा हर वक्त वही पड़ा रहता है जिसकी जरूरत अब किसी को नही थी इक सामान सा हर वक्त वही पड़ा रहता है जिसकी जरूरत अब किसी को नही थी
ख़ुदा की रहमत ना थी या अपनों ने की थी रुस्वाई ख़ुदा की रहमत ना थी या अपनों ने की थी रुस्वाई
मैं तुझसे प्यार नहीं करता। मैं तुझसे प्यार नहीं करता।
सुबह से लेकर शाम तक मैं सब के दिल को बहलाती हूँ आई जब अपने दिल की बारी तो अपने मन को में झुठलाती ... सुबह से लेकर शाम तक मैं सब के दिल को बहलाती हूँ आई जब अपने दिल की बारी तो अपन...
मेरे बेटों की गन्दी निगाह कर रही तेरा इंतजार समझते हैं... नारी को हवस की पुकार पुरुषों का अस्तित... मेरे बेटों की गन्दी निगाह कर रही तेरा इंतजार समझते हैं... नारी को हवस की पुका...
गंगा भी हूँ, पावन भी हूँ मैं तो देवी रूप धरा की। गंगा भी हूँ, पावन भी हूँ मैं तो देवी रूप धरा की।