मै राघव दुबे 'रघु' कलम का पुजारी हूँ और आखरी स्वास तक साहित्य की आराधना कर ता रहूँगा l
शक्कर सी मीठी बोली है मेरे गाँव में बालपने की हमजोली है मेरे गाँव में। शक्कर सी मीठी बोली है मेरे गाँव में बालपने की हमजोली है मेरे गाँव में।
मेरे सूने दिल की आशा तू प्रेम ग्रंथ की परिभाषा मेरे सूने दिल की आशा तू प्रेम ग्रंथ की परिभाषा
मैं तुम्हारी परछायी हूँ पापा। आपके वजूद से मेरा वजूद है पापा। मैं तुम्हारी परछायी हूँ पापा। आपके वजूद से मेरा वजूद है पापा।
इस ओर से उस ओर को बहती रही ये जिंदगी। इस ओर से उस ओर को बहती रही ये जिंदगी।