I'm अनुपम अंशु and I love to read StoryMirror contents.
बिन धारा के नाव भी चलते है व्यवहारों से घाव भी भरते है बिन धारा के नाव भी चलते है व्यवहारों से घाव भी भरते है
मेरे इश्क की यही खराबी थी जिसने मुझे गै़र बुलाने कहा मेरे इश्क की यही खराबी थी जिसने मुझे गै़र बुलाने कहा
पंख फैलाए हर दिन की तरह एक नयां गीत गाते वे चिड़ियां! पंख फैलाए हर दिन की तरह एक नयां गीत गाते वे चिड़ियां!
उस संगम पर हमें फिर जा खड़े हो गए जो समझ गए उस संगम पर हमें फिर जा खड़े हो गए जो समझ गए
हुई नई शुरुआत जब चिड़ियाँ चहकी बागों में हुई नई शुरुआत जब चिड़ियाँ चहकी बागों में