I'm Sudesh and I love to read StoryMirror contents.
चलो गौतम अपने रास्ते बहुत हो लियाअब। क्याअपना-बेगाना क्या हमदर्द देखना है। चलो गौतम अपने रास्ते बहुत हो लियाअब। क्याअपना-बेगाना क्या हमदर्द देखना है।
कौन आया, गया कौन, सब है ये रिवाज़ हैं। रूह नित थी, है,होगी नित ये हिसाब हैं। कौन आया, गया कौन, सब है ये रिवाज़ हैं। रूह नित थी, है,होगी नित ये हिसाब हैं।
जन्मो-जन्मान्तरों से सम्बन्ध हमारा, मैं सरिता वो समुद्र हमारा जन्मो-जन्मान्तरों से सम्बन्ध हमारा, मैं सरिता वो समुद्र हमारा
टूट कर चाह जिस चीज़ को "गौतम" न मिली। बेवक्त मिले भी तो जरूरत ही नहीं है टूट कर चाह जिस चीज़ को "गौतम" न मिली। बेवक्त मिले भी तो जरूरत ही नहीं है
तेरी रूह में बस्ती रूह जब उसकी । फिर किसको पराया कहना होगा तेरी रूह में बस्ती रूह जब उसकी । फिर किसको पराया कहना होगा
जीवन के पहलू अनेक एक नहीं है। जीवन जीना भी कोई खेल नहीं है।। जीवन के पहलू अनेक एक नहीं है। जीवन जीना भी कोई खेल नहीं है।।