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काश सभी समझ पाते और खुद को रोक लेते। काश सभी समझ पाते और खुद को रोक लेते।
कभी पूछने की जरूरत नहीं आई, क्यों कैसे कब वाली बात लगभग महीनों तक ऐसे ही चलते आ रहा था। कभी पूछने की जरूरत नहीं आई, क्यों कैसे कब वाली बात लगभग महीनों तक ऐसे ही चलते आ ...
मैं उनको हर बार अपनाना चाहूंगा उनके तरह कोई नहीं। एक चांद हैं हमारे। मैं उनको हर बार अपनाना चाहूंगा उनके तरह कोई नहीं। एक चांद हैं हमारे।
बहुत कम ऐसे रिश्ते बनते हैं जिसमें इंसान बिना कुछ बोले सब कुछ महसूस कर रहा हों। बहुत कम ऐसे रिश्ते बनते हैं जिसमें इंसान बिना कुछ बोले सब कुछ महसूस कर रहा हों।
बात होते होते वो कहीं चले गए मेरे लिए तो बहुत अजनबी थे। बात होते होते वो कहीं चले गए मेरे लिए तो बहुत अजनबी थे।
समझने की कोशिश करने की शुरुआत कर चुके होते समझने की कोशिश करने की शुरुआत कर चुके होते