U.P based setteled in M.P working as Assistant General Manager
तू मगर,अपना स्वार्थ पूरा मेरी आड़ मे करता रहा। तू कहता है, तू मुझसा है कोई तू मगर,अपना स्वार्थ पूरा मेरी आड़ मे करता रहा। तू कहता है, तू मुझसा ह...
आप खुश हो जाएं हमें सोचकर आप खुश हो जाएं हमें सोचकर
तो, मन को हर्षाती हैं तो, मन को हर्षाती हैं
बिकने चला था भाव सेव के, फिंका टमाटर नाली में। बिकने चला था भाव सेव के, फिंका टमाटर नाली में।
है, यही मेरी कविता है, यही कवि का मर्म। है, यही मेरी कविता है, यही कवि का मर्म।
मेरी गरीबी से भरे पोस्टर तुम्हारे महंगे ड्राइंग रूम में नजर आते हैं। मेरी गरीबी से भरे पोस्टर तुम्हारे महंगे ड्राइंग रूम में नजर आते हैं।