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जाने फूल की क्या ख्वाहिश थी किसी ने उसे पूछा नहीं! जाने फूल की क्या ख्वाहिश थी किसी ने उसे पूछा नहीं!
दम घुटता है इन दीवारों,रिश्तों, भावनाओं और उन सब वादों-यादों के बीच! दम घुटता है इन दीवारों,रिश्तों, भावनाओं और उन सब वादों-यादों के बीच!
ज़िंदगी कोई नहीं देखता फ़िक्र है सबको अपने दामन की ज़िंदगी कोई नहीं देखता फ़िक्र है सबको अपने दामन की
सोचा था सब एक साथ घुल मिल जाएँगे पर बन गया बर्फ का कठोर गोला। सोचा था सब एक साथ घुल मिल जाएँगे पर बन गया बर्फ का कठोर गोला।
मानकर खुद को ही ठग रही है आज की स्त्री। मानकर खुद को ही ठग रही है आज की स्त्री।
मैं रंग रूप से पहचानी जाती हूँ कद काठी से नापी जाती हूँ, खुद के नाम से ज्यादा दूसरों मैं रंग रूप से पहचानी जाती हूँ कद काठी से नापी जाती हूँ, खुद के नाम से ज्य...
हम सफर पर निकले,हर कोई तन्हा मिला, रात तन्हा चाँद तन्हा,रास्ता तन्हा मिला। हम सफर पर निकले,हर कोई तन्हा मिला, रात तन्हा चाँद तन्हा,रास्ता तन्हा मिला।
दूसरे घर की रंगोली में वह घुलमिल गई दूसरे घर की रंगोली में वह घुलमिल गई