I'm laxmi and I love to read StoryMirror contents.
एक पल में मेरे सारे ख़्वाब तोड़ गया वो शख्स, एक पल में मेरे सारे ख़्वाब तोड़ गया वो शख्स,
ऐ मेरे मुरलीधर, लगाने से पहले खुद से लगन, ऐ मेरे मुरलीधर, लगाने से पहले खुद से लगन,
बारी आई जब बनाने की अपना, बड़ी बेरहमी से बेदखल कर दिया अपनी जिंदगी से उसने। बारी आई जब बनाने की अपना, बड़ी बेरहमी से बेदखल कर दिया अपनी जिंदगी से उसने।
उसके बाद ऐसा कौन सा आरोप होगा, जिसे कालिक बनाकर तुम्हारे चरित्र पर न पोता जाएगा? उसके बाद ऐसा कौन सा आरोप होगा, जिसे कालिक बनाकर तुम्हारे चरित्र पर न पोता जाएगा?