मैं नौकरीपेशा हूँ और खाली वक्त में समसमयिक कविताएँ , मुक्तक, क्षणिकाएँ, लेख एवं लघु कथाएँ लिखने - पढ़ने में रुचि रखता हूँ।
कपड़े और भोजन पहुंचाने की परंपरा कायम है। उसके बाद ही माता की बिदाई होती है। कपड़े और भोजन पहुंचाने की परंपरा कायम है। उसके बाद ही माता की बिदाई होती है।
राजा ने उसे ढेर सारा धन दिया और अपना दरबारी बना लिया। राजा ने उसे ढेर सारा धन दिया और अपना दरबारी बना लिया।
एक दिन सुरेश के सामने उसके कर्मचारी ने एक बैरन लिफ़ाफ़ा पेश किया एक दिन सुरेश के सामने उसके कर्मचारी ने एक बैरन लिफ़ाफ़ा पेश किया
भूरा अपने नये मालिक से खेलने में व्यस्त था। भूरा अपने नये मालिक से खेलने में व्यस्त था।
अपना क्लास और होम वर्क समय से पहले पूरा कर लेती अपना क्लास और होम वर्क समय से पहले पूरा कर लेती