मैं नवोदित लेखिका हूँ। पेशे से मैं एक अध्यापिका हूँ। पढ़ना लिखना मुझे अच्छा लगता है।पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
ना चाहिये उपहार मुझे,बीर एक कहण पुगाईये । जब जरूरत हो मुझे, बस खड़ा बराबर पाईये। ना चाहिये उपहार मुझे,बीर एक कहण पुगाईये । जब जरूरत हो मुझे, बस खड़ा बराबर पा...
मैं ढूंढना चाहती हूँ उन बच्चों को जो कंचे खेलते थे पिता, ताऊ, काका को देखकर छिप जात मैं ढूंढना चाहती हूँ उन बच्चों को जो कंचे खेलते थे पिता, ताऊ, काका क...
पति को दोस्त बनाये तो वो चिल्ला पड़ते हैं ऑफ़िस की थकावट का बहाना लगा पति को दोस्त बनाये तो वो चिल्ला पड़ते हैं ऑफ़िस की थकावट का बहाना लगा
अब पुरुष कहता है कि औरतें पहले सी नहीं रही। अब पुरुष कहता है कि औरतें पहले सी नहीं रही।
खुले आसमां को झांकना चाहती हूँ पेड़ के पत्तों को निहारना चाहती हूँ, खुले आसमां को झांकना चाहती हूँ पेड़ के पत्तों को निहारना चाहती हूँ,
एक अपवित्र देह से,हे पुरुष! तुम पवित्र कैसे पैदा हो गए? तुम्हें जन्म देते ही, तुम्हा एक अपवित्र देह से,हे पुरुष! तुम पवित्र कैसे पैदा हो गए? तुम्हें जन्म देते ...
भाईचारे का संदेश यह देते पाठ पढ़ाते हैं मानवता का, भाईचारे का संदेश यह देते पाठ पढ़ाते हैं मानवता का,
एक पिता की मानिंद धरती भी अपने पथ पर चक्कर काटती रहेगी एक पिता की मानिंद धरती भी अपने पथ पर चक्कर काटती रहेगी