None Mere reflection of thyself Who creates, sustains and disolve this World.
पर तू चाहे रोकना तो मैं भला कैसे रुकूंगी ?” पर तू चाहे रोकना तो मैं भला कैसे रुकूंगी ?”
वो आनंद है सत्य का वो साक्षात्कार है खुद का। वो आनंद है सत्य का वो साक्षात्कार है खुद का।
कभी खामोशी तो कभी बड़बोलापन, अक्सर हरबार हीं तो प्रश्न खड़े करता है मौन हूँ सुन रहा हूँ ठ... कभी खामोशी तो कभी बड़बोलापन, अक्सर हरबार हीं तो प्रश्न खड़े करता है मौन हू...
सभी पंक्ति का संबोधन हरेक रचना का उद्बोधन कभी शायद तुम्हारे है कभी शायद हमारे है सभी पंक्ति का संबोधन हरेक रचना का उद्बोधन कभी शायद तुम्हारे है कभी शायद...
जिंदगी मिलेगी ना दोबारा कहते हो आँखें मूंद किस तथ्य को नकारना जिंदगी मिलेगी ना दोबारा कहते हो आँखें मूंद किस तथ्य को नकारना
रोती हुई सी रात भी हँसते हुए कुछ स्वप्न से जाना ना चाह मैं कभी रुकना ना चाहे तुम कभी रोती हुई सी रात भी हँसते हुए कुछ स्वप्न से जाना ना चाह मैं कभी रुकना ...