किसी की ख़्वाहिश मुझे तो नही है तुझे इश्क़ है तो बड़े शौक़ से आ गरीबी किताबें यही है वसीयत तुझे इश्क़ है? तो बड़े शौक़ से आ
वो नादाँ है वो तो पगला है बस अमन ही एकलौता सियाना है। वो नादाँ है वो तो पगला है बस अमन ही एकलौता सियाना है।
मैं, खुद को ओढ़ कर लेटा हूँ ऐसे। लाश, कफन ओढ़े लेटी हो जैसे। मैं, खुद को ओढ़ कर लेटा हूँ ऐसे। लाश, कफन ओढ़े लेटी हो जैसे।
है अमन तेरी दुआ से और बंदा कुछ नहीं है। है अमन तेरी दुआ से और बंदा कुछ नहीं है।
यूँ सोचता रहा मैं रात भर अमन ये रात क्यों गुज़र जाती नही कभी। यूँ सोचता रहा मैं रात भर अमन ये रात क्यों गुज़र जाती नही कभी।
सब हार कर आया अमन कुछ जीतना बाकी नहीं जो जीत कर हारा यहाँ उसको हराएगी क्या। सब हार कर आया अमन कुछ जीतना बाकी नहीं जो जीत कर हारा यहाँ उसको हराएगी क्या।
हर इक दर पर सजदा करना है अब आदत माँगा जब कुछ रब से माँगा हमने तुझको हर इक दर पर सजदा करना है अब आदत माँगा जब कुछ रब से माँगा हमने तुझको
आखिर क्सूॅं तुम्बे ही ताहते है...? तुम्हे ही माॅंगके है...? कौनसा मर्ज है यह...? आखिर क्सूॅं तुम्बे ही ताहते है...? तुम्हे ही माॅंगके है...? कौनसा मर्ज है यह...?