राष्ट्रीय मंचीय कवयित्री / ग़ज़लकार / गीत कार व एम०के० साहित्य अकादमी पंचकूला (रजि०) हरियाणा की संस्थापिका
आर्य समाज का दुनिया भर में आ परचम लहराया है आर्य समाज का दुनिया भर में आ परचम लहराया है
एक वक्त था... तू अपना सा लगता था एक वक्त था... तू अपना सा लगता था
कलाकारों की कलाओं को संस्कारों की पोटली कहा जाता है। कलाकारों की कलाओं को संस्कारों की पोटली कहा जाता है।
लूट रहा है इक दूजे को, देखो माटी का पुतला। लूट रहा है इक दूजे को, देखो माटी का पुतला।
अपनी 'माही' को भर ले आ दामन में तू तेरे दीदार को रुह तरसती रही। अपनी 'माही' को भर ले आ दामन में तू तेरे दीदार को रुह तरसती रही।
मगन हो पूरी शिद्दत से उसे फिर से बुलाते हैं।। मगन हो पूरी शिद्दत से उसे फिर से बुलाते हैं।।
अब तक माँ ने पाला उसको, अब वो फ़र्ज़ निभायेगा। खूब करेगा सेवा उनकी, हर दम हाथ बटायेगा। अब तक माँ ने पाला उसको, अब वो फ़र्ज़ निभायेगा। खूब करेगा सेवा उनकी, हर दम हाथ ब...
शुक्रिया 'माही' करे, खुदको वार कर जैसे राखे माहिया, रहते जाइए। शुक्रिया 'माही' करे, खुदको वार कर जैसे राखे माहिया, रहते जाइए।
ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ। ओढ़ जामा इश्क़ का झूमूँ सदा बनके अमृत प्रीत सी झरती रहूँ।
उसकी एक हँसी की ख़ातिर ग़म अपना पी जाती थी। उसकी एक हँसी की ख़ातिर ग़म अपना पी जाती थी।