दामिनी सिंह ठाकुर मै एक साधारण लेखिका और शिक्षिका हूँ
, मेरी लाल पड़ी आँखों को देखर समझ चुकी थी कि आज फिर पूरी रात बाबा से बात हुई है। , मेरी लाल पड़ी आँखों को देखर समझ चुकी थी कि आज फिर पूरी रात बाबा से बात हुई है।
ये ऐशो आराम की जिंदगी दे देने से पति का फ़र्ज़ पूरा हो जाता है क्या ? ये ऐशो आराम की जिंदगी दे देने से पति का फ़र्ज़ पूरा हो जाता है क्या ?
अच्छी लगी थी तुम्हारी यह अदा। मैं भी विदा लेकर ऑफिस आ गया था। अच्छी लगी थी तुम्हारी यह अदा। मैं भी विदा लेकर ऑफिस आ गया था।
मानो चांद की रोशनी छन कर सीधे तुम्हारे चेहरे पर आ रही थी। मानो चांद की रोशनी छन कर सीधे तुम्हारे चेहरे पर आ रही थी।
इस हिसाब से तुम्हारा मुझ पर बहुत सारा क़र्ज़ है। इस हिसाब से तुम्हारा मुझ पर बहुत सारा क़र्ज़ है।
, मानो 5 साल का दर्द एक दिन में बहा देना चाहती थी। , मानो 5 साल का दर्द एक दिन में बहा देना चाहती थी।