प्यारा हाथी
प्यारा हाथी
एक जंगल में बहुत सारे जानवर रहते थे। जंगल हरा-भरा था। बहुत सारे पशु-पक्षी रंग बिरंगे-फूल, हरे-भरे पेड़-पौधे जंगल की शोभा थे। वैसे तो उस जंगलों में बहुत सारे जानवर तरह-तरह के थे। उसी जंगल में एक हाथी भी रहता था।
हाथी का स्वभाव बहुत अच्छा था। वह सभी का सम्मान करता और सभी का हाल-चाल पूछता था। घुल-मिलकर सबके साथ रहना हाथी के स्वभाव में शामिल था।अच्छा स्वभाव होने के कारण हाथी के साथी बहुत थे। एक दिन हाथी भोजन की तालाश में बहुत दूर निकल गया। रात हो जाने के कारण हाथी को पता ही नहीं चला कि वह जंगल से निकलकर गाँव में आ चुका है।
कुछ देर के बाद ही गाँव वालों ने मिलकर हाथी को एक मोटी सी रस्सी से एक बड़े से पेड़ में बाँध दिया।
उधर जंगल में सभी लोग हाथी को न देखकर परेशान हुए। सभी जानवर हाथी को ढूँढने लगे। सभी एक दूसरे से कहने लगे-, "प्यारा हाथी कहाँ गया?" जंगल के पेड़ पर बैठें पक्षियों ने भी बहुत दूर तक टहलकर पूरा जंगल देख डाला, पर हाथी कहीं नहीं मिला।तभी एक कबूतर बोला-, "मैंने हाथी को उस तरफ जाते देखा था।" सभी जानवरों ने बारी-बारी से अपनी बात रखते हुए कहा-, "हम सब को लगता है कि हाथी किसी मुसीबत में फँस गया है, वरना अब तक जरूर आ जाता। चलो! हम सब मिलकर हाथी को उस तरफ चलकर देखते हैं, जिधर कबूतर ने हाथी को जाते देखा था।" सभी जानवर साथ चले। जंगल का रास्ता खत्म होते ही एक गाँव दिखा। गाँव में एक बड़ा पेड़ और उस पेड़ में हाथी बँधा हुआ दिखाई दिया। सभी हाथी को देखकर खुश हुए। गाँव के लोग इतने सारे जानवर देखकर भयभीत हुए, पर उन्होनें देखा कि कैसे हाथी को उसके जंगल के साथी किस तरह छुड़ा कर बिना किसी का कुछ नुकसान किये लिये जा रहे हैं! गाँव के लोगों ने भी समझदारी दिखायी। सभी उस जगह से हटकर चुपचाप छुपकर देखते हुए अन्जान बने रहे। कुछ देर में हाथी अपने जंगल के साथियों के साथ जंगल पहुँच गया।
शिक्षा
अच्छा स्वभाव और अच्छे गुण सभी को अपना बना लेते हैं।
