भूतेश्वर महादेव
भूतेश्वर महादेव
बालाघाट पुण्य सलिला वैनगंगा के तट पर कई धार्मिक महत्व के स्थल आश्चर्य का केंद्र बने हुए हैं। ऐसा ही स्थल शंकरघाट भी है। यहां प्राचीन शिवलिंग है, जिसे लेकर तरह-तरह की किंवदंतियां हैं। शंकरघाट में स्थित शिव मंदिर के गर्भगृह में करीब 10 फीट गुफा के अंदर एक और मंदिर मौजूद है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमाएं हैं। काले पत्थर की प्रतिमाएं व शिवलिंग के दसवीं शताब्दी' के होने प्रमाण मिलते हैं। गर्भगृह में मौजूद मंदिर में स्थापित प्रतिमाओं की पूजा कब और कौन करता है, यह आज भी पुरातत्व विभाग के लिए खोज का विषय है। साथ ही एक सुरंग है, जो प्राचीन मंदिर तक पहुंचती है। 1953 में मंदिर निर्माण के बाद प्राचीन मंदिर को बंद कर दिया गया था।
1953 में मंदिर की नवीन स्थापना और ट्रस्ट को सौंपे जाने के बाद से ही जब भी कुंभ होता है, यहां से गुजरने वाले नागा साधु शंकरघाट जरूर आते हैं। नागा साधुओं ने ही मंदिर प्रबंधन को बताया है कि 21 उपलिंगों में शंकरघाट भी शामिल है और इसे भूतनाथ भूतेश्वर के नाम से जाना जाता है। नागा साधुओं ने बताया है कि ये स्थान बहुत ही रहस्यमयी है। यह समूचे क्षेत्र में अटूट आस्था का केंद्र बन गया है।
