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komal goswami

Children Stories

4  

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बीते हुए बचपन के दिन

बीते हुए बचपन के दिन

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बीते हुए वो बचपन के दिन

बहुत याद आते हैं

आज याद आकर

कभी सताते हैं तो

कभी हंसाते हैं।


कभी जब वो दिन

याद आ जाते हैं

तो हम जैसे उनमें खो ही जाते हैं

कभी याद आते हैं 

बचपन के वो सुंदर खेल

तो इस सोच में पड़ जाते हैं

कि क्यो हम बड़े हो गए

कितने अच्छे थे वे दिन

चिंता मुक्त हो हम

बस खेलते थे


कितने अच्छे दिन थे वो

बीते हुए वो बचपन के दिन

बहुत याद आते हैं

आज याद आकर 

कभी सताते हैं तो

कभी हंसाते हैं।


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