बिखरी यादें
बिखरी यादें
बिखरी यादों को फिर से संजोने की कोशिश है हमारी...
तेरे साथ फिर वो रिश्ता निभाने की कोशिश है हमारी...
तेरी उस हँसी को फिर एक झलक देखने की कोशिश है हमारी...
तेरी नज़रो मे फिर वो मोहब्बत देखने की कोशिश है हमारी...
तेरे हर रंग का दीदार करने की ये कोशिश है हमारी... तुझे फिर पा लेने की ये कोशिश है हमारी...
दिल को चाहत है तेरे दीदार की...
तुझे देखे बिन गुज़रती ना कोई शाम भी...
एक तेरा ख्याल सा रहता है बस हर घडी...
और तुझसे मिलने की आस भी...
मेरे दिन गुज़र जाते है तेरी याद में...
तू ना जाने फिर क्यों सताती है ख्वाब में...
ना जाने क्यों सताती है ये दूरियाँ इतना प्यार में...
दीवाने दिल को अब किसी की चाहत ना होगी...
ये उम्मीद अब और किसी से ना होगी...
तू मिली है नसीब से...
इसलीए शायद तेरे जाने के बाद किसी से इतनी चाहत ना होगी...