दफ़्तर जाते दोस्त
दफ़्तर जाते दोस्त
1 min
3.1K
गली मोहल्लों में खेलते अब नहीं नजर आते है,
क्योंकि अब मेरे सब दोस्त दफ़्तर जाते है।
बेपरवाह लोगों को अब गृहस्थी की फ़िक्र है,
उनकी बातों में भी अब राशन पानी का ज़िक्र है,
मुलाक़ात की बात पर मुकर जाते है,
क्योंकि अब मेरे सब दोस्त दफ़्तर जाते है।
प्रेमपत्र लिखनेवाले अब बीमे के फॉर्म भरते है,
बेमतलब हंसनेवाले बस काम की बात करते है,
देर तक जो घूमते थे अब जल्दी घर आते है,
क्योंकि अब मेरे सब दोस्त दफ़्तर जाते है।
फिर एक अलसाई सुबह फोन कि घंटी बजती है,
पुनः मिलन को आतुर महफ़िल यारों की सजती है,
बड़े दिनों बाद अधर इस कदर मुस्काते है,
क्योंकि अब मेरे सब दोस्त दफ़्तर जाते है।
