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Shalini Shalu

Others

2.5  

Shalini Shalu

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सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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ख्वाबों में वायु के वेग से
चले आते हो तुम,
उपवन महकते हैं,
करीब होते हो सिर्फ तुम,
तारे टिमटिमाते हैं,
प्रेम का राग गाते हैं,
सिर्फ तुम! सिर्फ तुम! सिर्फ तुम!

अम्बर की दीवारें,
बहक उठती है,
जब देखते हो,
नजाकत से तुम,
गगन में परियां,
चहक उठती है,
सिर्फ तुम! सिर्फ तुम! सिर्फ तुम!

सूरज की लाली में,
प्रकृति की हरियाली में,
प्रकाश की तरह,
छा जाते हो तुम,
पक्षी कलरव करते हैं,
सिर्फ तुम! सिर्फ तुम! सिर्फ तुम!

तुम्हारा प्रेम,
गुलशन सा महकता है,
जब इश्क में,
शरीक होते हो तुम,
भ्रमर गुनगुनाता है,
प्रेम धुन सुनाता है,
सिर्फ तुम! सिर्फ तुम! सिर्फ तुम!

 


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