जुळले ऋणानुबंध
जुळले ऋणानुबंध
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कृष्ण सुदामापरीं_
जुळले ऋणानुबंध मित्रत्वाचे_
धागे विश्वासाचे_
अतूट_.........//१//
स्पंदनांचे रुदण_
हर्षिले मन-आंगण_
गुजगोष्टींचे प्रांगण_
निर्मळ_........//२//
अवचित जुळाले _
जन्मोजन्मीचे सार्थक झाले_
काट्यातुनी हसले_
ऋणानुबंध_......//३//
नात्यांच्या मृदुगंधात_
जीवनास लाभली सुंदरता_
चांदण्याची शीतलता_
अलौकिक_ .......//४//
आनंदोर्मिचे वलय_
सदोदित असे आसपास_
भास आभास_
प्रकाशमय_...//५//
मैत्रीचे ऋणानुबंध_
करी आयुष्यास प्रफुल्लित_
सुख ओंजळीत_
अखंडित_......//६//