लेखक: निकलाय नोसव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: निकलाय नोसव अनुवाद: आ. चारुमति रामदास
तभी अचानक खूब ज़ोर की हवा चली, और अंकल की हैट हवा में उड़ने लगी. शतरंज के खिलाड़ी का ध्यान ही नहीं गया,... तभी अचानक खूब ज़ोर की हवा चली, और अंकल की हैट हवा में उड़ने लगी. शतरंज के खिलाड़ी क...