सुबह की चिलचिलाती हैदराबादी धूप में शिखा आज फिर दूर से ही नज़र आ रही थी।एक बड़े से इंटरने सुबह की चिलचिलाती हैदराबादी धूप में शिखा आज फिर दूर से ही नज़र आ रही थी।एक बड़े से...
लोग उसके सैंडल को देखें इसके लिए वो गलियों में अपनी शलवार के पाँयचों को उठाकर मटरगश्ती लोग उसके सैंडल को देखें इसके लिए वो गलियों में अपनी शलवार के पाँयचों को उठाकर मट...
मेरी सारी कोशिशें नाकाम हो रहीं थी। मैं चाह कर भी गौरी से कुछ न कह सका, क्यों कि मैं जानता था, अगर ... मेरी सारी कोशिशें नाकाम हो रहीं थी। मैं चाह कर भी गौरी से कुछ न कह सका, क्यों क...