इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था. इतने अरसे बाद मायके आना उसके लिए कोई उत्सव से कम नहीं था.
शायद उसके अंदर की ईश्वरीय अनुभूति थी जो उसको आगे जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान कर रही थी। और उसके कदम... शायद उसके अंदर की ईश्वरीय अनुभूति थी जो उसको आगे जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान कर ...
उठो मां हमें नहीं चाहिए पानी,हम बिना पानी के रह लेंगे, प्लीज़ तुम उठ जाओ"। उठो मां हमें नहीं चाहिए पानी,हम बिना पानी के रह लेंगे, प्लीज़ तुम उठ जाओ"।