सूर्य की संवेदनहीनता के अनुसार, कुछ सोचकर चित्र का शीर्षक रख लो। सूर्य की संवेदनहीनता के अनुसार, कुछ सोचकर चित्र का शीर्षक रख लो।
कब मैं इतनी भारी हो गई कि तुमने मेरा बचपन ही छीन लिया! कब मैं इतनी भारी हो गई कि तुमने मेरा बचपन ही छीन लिया!
भारत में लोग अपने घरों को सुख- सुविधा का गोदाम बना लेते हैं। भारत में लोग अपने घरों को सुख- सुविधा का गोदाम बना लेते हैं।