शांति बदल गई क्रांति में , अहिंसा खो गई भ्रांति में ! शांति बदल गई क्रांति में , अहिंसा खो गई भ्रांति में !
चोरी छुपे का नाता कब तक निभेगा, तुम्हें तकलीफ़ रहेगी और मुझे चिन्ता, वो बोली। चोरी छुपे का नाता कब तक निभेगा, तुम्हें तकलीफ़ रहेगी और मुझे चिन्ता, वो बोली।