आँखों में आंसू लिये जय अनन्या, स्नेहा और रवि ठगे से ताकते रह गए करुणा जी को। आँखों में आंसू लिये जय अनन्या, स्नेहा और रवि ठगे से ताकते रह गए करुणा जी को।
मैं ही नहीं समझ सकी। नए जमाने के लोग एक दूसरे को बखुबी पहचानते हैं। मैं ही नहीं समझ सकी। नए जमाने के लोग एक दूसरे को बखुबी पहचानते हैं।
ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि उसके एहसास जाग उठे ईशा खुश नहीं थी इस जबरदस्ती के रिश्ते थे मगर उस अजनबी की छुहन में ऐसा क्या था कि...