अब मीना अपने सपनो से निकलकर हकीकत की जिंदगी जीने लगी थी। अब मीना अपने सपनो से निकलकर हकीकत की जिंदगी जीने लगी थी।
ठंडी रात ने उसके शरीर को ही ठंडा कर दिया था शायद हमेशा के लिए। ठंडी रात ने उसके शरीर को ही ठंडा कर दिया था शायद हमेशा के लिए।
जयंती माला की चपलता और नूतन की भावप्रवणता एक साथ बसती है। जयंती माला की चपलता और नूतन की भावप्रवणता एक साथ बसती है।
मीना के मन में उसका नीरज के प्रति प्रेम बढ़ता ही जा रहा था मीना के मन में उसका नीरज के प्रति प्रेम बढ़ता ही जा रहा था