लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : अलेक्सान्द्र कूप्रिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
जरा सहारा दे दो कर का। रास्ता ले लूं अपने घर का।। अगर हम ऐसे ही बेसहारा, कमजोरों को थोड़ा सहारा दे... जरा सहारा दे दो कर का। रास्ता ले लूं अपने घर का।। अगर हम ऐसे ही बेसहारा, कमजोर...
कुछ देर बाद सारिका ने कहा, रोहिणी मैं तुम्हें सच बताता हूँ मैं लड़की नहीं हूँ, फेक आईडी से लड़की बन ... कुछ देर बाद सारिका ने कहा, रोहिणी मैं तुम्हें सच बताता हूँ मैं लड़की नहीं हूँ, फ...