उसके क्लर्क की ईमानदारी उसके अकारण झुंझलाहट पर भारी पड़ी उसके क्लर्क की ईमानदारी उसके अकारण झुंझलाहट पर भारी पड़ी
मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ बस जो मन में आया वो कह दिया, तुम कुछ सुनाओ ना मैं कोई कवयित्री नहीं हूँ बस जो मन में आया वो कह दिया, तुम कुछ सुनाओ ना
खाली समय में मैं अपनी गाथा लिखने में मशगूल रहने लगा खाली समय में मैं अपनी गाथा लिखने में मशगूल रहने लगा
प्रधानमंत्री जी, आप चिंता न करें, देखते रहें, क्या होता है।' प्रधानमंत्री जी, आप चिंता न करें, देखते रहें, क्या होता है।'