ड्रेसेस और को-एजूकेशन ही बहुत हद तक ज़िम्मेदार हैं ड्रेसेस और को-एजूकेशन ही बहुत हद तक ज़िम्मेदार हैं
उधर से इंस्पेक्टर का कॉल था उधर से इंस्पेक्टर का कॉल था
ज़िन्दगी, कैसी है पहेली हाय, कभी तो हसाये कभी ये रुलाये"। रोहित ने आखरी बचा हुआ विमान ज़िन्दगी, कैसी है पहेली हाय, कभी तो हसाये कभी ये रुलाये"। रोहित ने आखरी बचा हुआ ...
शीशे के सामने खड़ी हो गई। खुद को देखकर ही शर्मा रही थी शीशे के सामने खड़ी हो गई। खुद को देखकर ही शर्मा रही थी